Fastidious Bacteria meaning in hindi, फास्टिडियस बैक्टीरिया क्या हैं, Examples of fastidious bacteria,फास्टिडियस बैक्टीरिया के उदाहरण
सूक्ष्म जीव विज्ञान में “फास्टिडियस” (Fastidious) शब्द विशेष रूप से बैक्टीरिया के लिए उपयोग होता है। यह शब्द बैक्टीरिया के पोषणिक आवश्यकताओं ( Nutritional Requirements) की बात करता है। फास्टिडियस बैक्टीरिया आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले साधारण पोषण मीडिया (routine culture media) पर ग्रो नहीं हो पाते। फास्टिडियस बैक्टीरिया अपनी ग्रोथ के लिए विशेष पोषणिक तत्वों की आवश्यकता रखते हैं। इसलिये फास्टिडियस बैक्टीरिया की प्रयोगशाला में ग्रो करने के लिए विशेष पोषणिक मीडिया (specific nutrient media) का इस्तेमाल होता है। इस लेख में हम फास्टिडियस बैक्टीरिया क्या हैं (Fastidious Bacteria meaning in hindi) इसकी चर्चा करेंगे।
फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया की पोषणिक आवश्यकताएं
फ़ास्टिडियस सूक्ष्मजीवों को अच्छे से ग्रो होने के लिए विशेष पोषणिक तत्व और निर्दिष्ट पर्यावरणिक स्थितियों (Specific Environmental conditions) की आवश्यकता होती है । ज्यादातर फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया की कुछ पोषणिक आवश्यकताएं निम्नानुसार हो सकती हैं:
- एमिनो एसिड (Amino acids)
- विटामिन (Vitamins)
- कोफैक्टर (Cofactors)
- विकास घटक ( Growth factors)
- रक्त (Blood)
- उपस्राव (Serum)
- कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide)
- ऑक्सीजन (Oxygen)
- तापमान (Temperature)
- पीएच (pH)
What are fastidious bacteria? फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया क्या होते हैं?
फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया वे बैक्टीरिया होते हैं जिनको प्रयोगशाला में कल्टीवेट (Cultivate) और मेंन्टेन (Maintain) करना कठिन होता है। इन बैक्टीरिया की पोषणात्मक आवश्यकताएं काफी जटील (complex) होती हैं। फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया के विशेष पोषणात्मक आवश्यकताएं होने के कारण उनका रुटीन कल्चर मिडिया (routine culture media) में ग्रोथ और मल्टीप्लीकेशन बहुत ही स्लो होता है। इस प्रकार के बैक्टीरिया केवल विशेष कल्चर मिडिया में ही ग्रो (Grow) और मल्टीप्लाय (Multiply) करते हैं। इन बैक्टीरिया ग्रो होने के लिये विशेष पोषण सप्लीमेंट्स ( special nutritional supplements) और विशेष वातावरणीय स्थितियों (specific environmental conditions) की आवश्यकता होती है ताकि वे विकसित और बढ सकें।
Fastidious bacteria examples फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया उदाहरण
फास्टिडियस जीवों के कई उदाहरण हैं। यहां कुछ मुख्य उदाहरण दिए जाते हैं:
नाइसेरिया (Neisseria ):
यह एक फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया है जो मानव में वायरल इंफेक्शन का कारण बन सकता है, जैसे कि मेनिंजाइटिस और गोनोरिया। नीसेरिया को लैब में ग्रो करने के लिये अत्यधिक पोषकों की आवश्यकता होती है जैसे कि रक्त या हीमोग्लोबिन, आयरन, विटामिन्स, अमिनो एसिड्स आदि।जो मनुष्यों में जननांगों के संक्रमण का कारण होता है।
नाइसेरिया गोनोरिए (Neisseria gonorrhoeae) नाइसेरिया गोनोरिए फ़ास्टिडियस बैक्टीरिया का एक उदाहरण है। ये ग्राम-नेगेटिव कोकस होते हैं और मनुष्यों में गोनोरिया रोग के जवाबदार होते हैं। गोनोरिया एक सेक्स संचारित रोग (एसटीडी) है। यह रोग नाइसेरिया गोनोरिए संक्रमण के कारण होता है। नाइसेरिया गोनोरिए एक माइक्रोएरोफिलिक और कैपनोफिलिक जीव है। उचित विकास के लिए, नाइसेरिया गोनोरिए को कम मात्रा में ऑक्सीजन (माइक्रोएरोफिलिक) और 3%-5% CO2 की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। ग्रोथ के लिए इस जिवाणू को 35-37oC का तापमान चाहिए। यह बैक्टीरियम केवल चॉकलेट एगर जैसे एनरिच्ड मीडिया पर ही विकसित हो सकता है। चॉकलेट एगर में हीमोग्लोबिन, विटामिन और एमिनो एसिड्स जैसे रक्त के तत्व होते हैं।
हेमोफिलस इन्फ्लुएंजे (Haemophilus influenzae):
यह एक बैक्टीरियल जीव है जो मानव में विभिन्न संक्रमणों का कारण बन सकता है, जैसे कि प्न्यूमोनिया, ब्रॉन्काइटिस और मेनिंजाइटिस। एक यह एक फास्टिडियस बैक्टीरिया है जिसे प्रयोगशाला में ग्रो (grow) और अध्ययन (study) करना कठिन होता है क्योंकि इसकी विशेष आवश्यकताएं (specific needs) स्टैंडर्ड लैबोरेटरी कंडीशन में पूरी नहीं होती हैं। इनमें से कुछ आवश्यकताएं हेमिन (hemin) और एनएडी + (NAD+) जैसे कुछ पदार्थ हैं जो इसके विकास (growth) लिए आवश्यक होते हैं। इस बैक्टीरिया को सही से ग्रो होने के लिये निश्चित मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), पीएच स्तर, और तापमान सीमा की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, इसे जीवित रहने और मल्टीप्लाय (Multiply) करने के लिए विभिन्न पोषक पदार्थ जैसे अमिनो एसिड, विटामिन, और कोफैक्टर (cofactors ) की आवश्यकता होती है। इन आवश्यकताओं के कारण, ह. इन्फ्लुएंजे के कारण होने वाले संक्रमण का निदान और उपचार करना कठिन हो सकता है।
बॉर्डेटेला परटूसिस (Bordetella pertussis):
यह काली खांसी या व्हूपिंग कफ (Whooping cough) का कारक बैक्टीरियम है। एक यह एक फास्टिडियस बैक्टीरिया है जिसे प्रयोगशाला में ग्रो (grow) और अध्ययन (study) करना कठिन होता है क्योंकि इसकी विशेष आवश्यकताएं (specific needs) स्टैंडर्ड लैबोरेटरी कंडीशन में पूरी नहीं होती हैं। । इस ग्रो होने के लिये इष्टतम (optimal) तापमान (35-37 डिग्री सेल्सियस), पीएच (7.2-7.4), और अमिनो एसिड, विटामिन और कोफैक्टर (cofactors ) जैसे विशेष पोषक पदार्थों की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, बॉर्डेटेला परटूसिस 5-10% कार्बन डाइऑक्साइड युक्त वातावरण में अधिक अच्छे से ग्रो करते है। इस बैक्टीरिया के फास्टिडियस प्रकृति के कारण इसे प्रयोगशाला में जल्दी से ग्रो करके पहचान करना काफी मुश्कील होता है, जिससे निदान और उपचार में देरी हो सकती है। हालांकि, विशेष प्रयोगशाला माध्यम (specialized media) और निदान परीक्षणों (diagnostic tests) का विकास किया गया है जो इन चुनौतियों को पार करने और बॉर्डेटेला परटूसिस संक्रमण की पहचान और प्रबंधन में सुधार करते हैं।